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बच्चे राष्ट्र की संपत्ति है, उनके संपूर्ण विकास का दायित्व समाज और राष्ट्र का है...

  • Writer: Dr. Dinesh Chandra Khandelwal Sociology
    Dr. Dinesh Chandra Khandelwal Sociology
  • May 3, 2023
  • 1 min read

भारत की तेजी से बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण के लिये स्पष्ट सख्त एवं देश के सभी निवासियों के लिये एक समान जनसंख्या नीति का निर्माण एवं उसका पालन आवश्यक है।

हम मानवाधिकारों की स्वीकृति वाले लोकतांत्रिक राष्ट्र में निवास करते है इसलिये राष्ट्र के विकास एवं समृद्धि के लिये हमारे दायित्वों का निर्वाह भी हमें करना चाहिये।


बच्चें राष्ट्र की सम्पत्ति हैं। 16 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिये शिक्षा स्वास्थ्य एवं समाजीकरण की जबाबदारी राष्ट्र की होना चाहिये। यदि कोई माता.पिता बच्चों के प्रति अपने दायित्वों का निर्वाह न करें तो उनके विरुद्ध कार्यवाही होना चाहिये एवं राष्ट्र को ऐसे बच्चों के शिक्षा स्वास्थ्य एवं समाजीकरण का दायित्व स्वयं ग्रहण करना चाहिये। इससे बालश्रम एवं अशिक्षा जैसी समस्याओं से मुक्ति मिल सकेगी।


स्पष्ट सख्त एवं देश के सभी निवासियों के लिये एक समान जनसंख्या नीति से बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण किया जा सकता है।

 
 
 

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