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कृपया बच्चों को भीख न दें।

  • Writer: Dr. Dinesh Chandra Khandelwal Sociology
    Dr. Dinesh Chandra Khandelwal Sociology
  • May 2, 2023
  • 1 min read

बचपन बचाइये, बचपन बचाइये,


कृपया बच्चों को भीख न दें।


बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने का संवैधानिक अधिकार है। सरकार ने बच्चों के लिये कक्षा आठवीं तक निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था की है। इस योजना के अर्न्तगत उनको निःशुल्क पुस्तकें प्रदान की जाती है। स्कूल जाने वाले बच्चों को निःशुल्क दोपहर का भोजन भी दिया जाता है।


आपके द्वारा बच्चों को भीख देने से उनका बचपन छीन रहा है। ये शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हो रहे है। आप भीख देकर अप्रत्यक्ष रूप से समाज में अकर्मण्यता को बढ़ावा दे रहे है।


आप बच्चों को भीख देने के स्थान पर किसी स्कूल जाने वाले गरीब बच्चे को प्रतीकात्मक गोद लेकर उसकी शिक्षा, पौष्टिक भोजन, स्वास्थ्य एवं अन्य अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करें।


भीख मांगने वाले बच्चे, माता-पिता के लिये कमाई का साधन है। ऐसे बच्चों पर माता-पिता का कोई दायित्व न होने के कारण उनको बच्चों के जन्म में अन्तराल रखने एवं बच्चों की संख्या सीमित रखने की कोई प्रेरणा नहीं होती है। इस तरह हम भीख देकर अप्रत्यक्ष रूप से जनसंख्या में तीव्र वृद्धि को प्रोत्साहित करते हैं।


याद रखे बच्चों को भीख देकर आप कोई पुण्य नहीं कमा रहे हैं। अनजाने में आप पाप के भागीदार बनते हैं।


कृपया बच्चों को भीख न दें ।

 
 
 

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